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ब्राह्मण, क्षत्रिय, अति पिछड़ा व अनुसूचित जाति को प्रतिनिधित्व देकर पार्टी ने मिशन 2022 का रोडमैप तय कर दिया है। साफ है गोरखपुर क्षेत्र में पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करने का लक्ष्य है। इस क्षेत्र में विधानसभा की 62 सीटें हैं। इसमें से 42 सीट भाजपा व समर्थित दल के पास है।
भाजपा की प्रदेश कमेटी का शनिवार को ऐलान हुआ तो गोरखपुर के नेताओं के चेहरे पर मायूसी छा गई। पिछली प्रदेश इकाई में गोरखपुर के स्वर्गीय उपेंद्र दत्त शुक्ल को प्रदेश उपाध्यक्ष व कामेश्वर सिंह को प्रदेश मंत्री बनाया गया था। इस बार कामेश्वर सिंह को प्रदेश महामंत्री की दौड़ में बताया जा रहा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मऊ की डॉ. शकुंतला चौहान (लोनिया) प्रदेश मंत्री बनी हैं। वह भी अति पिछड़ा समाज से आती हैं। भाजपा की क्षेत्रीय इकाई में क्षेत्रीय मंत्री हैं। संतकबीरनगर के त्रयंबक त्रिपाठी को प्रदेश मंत्री का दायित्व मिला है। वह ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। संतकबीरनगर के त्रयंबक त्रिपाठी ने आरएसएस के साथ 1989 से 2009 तक काम किया है।
2010 से भाजपा में सक्रिय हुए हैं। दो बार गोरखपुर क्षेत्र के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। दूसरी बार प्रदेश मंत्री बने हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों का सफल आयोजन भी कर चुके हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी बलिया के दयाशंकर सिंह व आजमगढ़ की लालगंज सीट से भाजपा की पूर्व सांसद नीलम सोनकर को मिली है।
भाजपा ने अलग-अलग समुदाय के लोगों को प्रतिनिधित्व देकर भले ही सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश है लेकिन प्रदेश कमेटी में कायस्थ समाज को जगह नहीं मिली है। गोरखपुर क्षेत्र में कायस्थों की बड़ी आबादी रहती है। गोरखपुर शहर में ही तीन से चार लाख कायस्थ रहते हैं।
बस्ती, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर में भी कायस्थों की संख्या अच्छी है। इसे लेकर समाज के लोगों में नाराजगी भी है। उनका कहना है कि भाजपा कायस्थों को अपना कैडर वोटर मानने लगी है। वह सोचती है कि कायस्थ किसी दूसरी पार्टी से नहीं जुड़ेंगे। इसी वजह से प्रदेश स्तरीय संगठन में जगह नहीं दिया गया।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जय प्रकाश निषाद, स्वास्थ्य मंत्री राजा जय प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षामंत्री सतीश द्विवेदी, मंत्री श्रीराम चौहान, दारा सिंह चौहान, अनिल राजभर व आनंद स्वरूप शुक्ला भी इसी क्षेत्र से आते हैं। कुछ दिन पहले ही गोरखपुर के जय प्रकाश निषाद को राज्यसभा का सदस्य चुना गया है। ऐसे में गोरखपुर को छोड़कर संगठन में दूसरे क्षेत्रों को तवज्जो दी गई है।
नाम– दयाशंकर सिंह
पद– प्रदेश उपाध्यक्ष
उम्र– 48 वर्ष
भाजपा में हैं– वर्ष 2000 से
परिवार– पत्नी स्वाति सिंह भी योगी सरकार में मंत्री हैं।
जिला– बलिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज से यूपी की जनता संतुष्ट है। 2022 का विधानसभा चुनाव भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ जीतेगी। भाजपा का जो एजेंडा था, उसमें से ज्यादातर वादे पूरे हो गए हैं। राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन हो चुका है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए खत्म हो चुका। किसान, युवा व महिलाएं भाजपा सरकार को 100 में 100 अंक देने को तैयार हैं।
नाम: त्रयंबक त्रिपाठी
पद: प्रदेश मंत्री
उम्र: 40 वर्ष
शिक्षा: एमए
भाजपा से जुड़े– वर्ष 2010 में
जिला-संतकबीरनगर
अनुभव, योग्यता व सामाजिक समीकरण के हिसाब से बनी प्रदेश कमेटी मिशन 2022 को सफल बनाएगी। इस कमेटी में जनप्रतिनिधि के साथ संगठन में कामकाज करने वालों को जगह मिली है। संगठन के साथ ही चुनावी रणनीति, सामाजिक समीकरण बैठाने में माहिर हैं। कार्यकर्ताओं से समन्वय बनाकर जनता के बीच जाएंगे। सरकार की उपलब्धियां गिनाकर सहयोग मांगेंगे।
नाम– डॉ. शकुंतला चौहान
पद– प्रदेश मंत्री
राजनीतिक अनुभव– 7 वर्ष
उम्र– 46 वर्ष
शिक्षा– बीकॉम व एमसीए
जिला– मऊ
भाजपा का सूत्र वाक्य सबका साथ सबका विकास है। सरकार में जितना लाभ निचले तबके को मिला है, उतना कभी नहीं मिला था। सबके पास अपना शौचालय है। पक्का मकान है। जनता भाजपा सरकार के कामकाज से संतुष्ट है। आगामी विधानसभा चुनाव मजबूती से लड़ा जाएगा। इस बार के नतीजे पिछली बार से बहुत अच्छे होंगे।
नाम– नीलम सोनकर
पद– प्रदेश उपाध्यक्ष
उम्र– 47 वर्ष
भाजपा से जुड़ीं– 2008 से
लोकसभा चुनाव लड़ीं– 2009, 2014 (आजमगढ़ की लालगंज सीट से सांसद बनीं) व 2019 में।
गरीबों को पहली बार हक मिला है। सरकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने का काम चल रहा है। विकास के मुद्दे के साथ ही 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता जाएगा। प्रदेश इकाई के गठन में सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखा गया है। इसका फायदा जरूर मिलेगा।
गोरखपुर क्षेत्र के भाजपा अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि सामाजिक समीकरण के लिहाज से प्रदेश कार्यकारिणी का गठन शानदार है। सभी जमीनी नेता हैं। क्षेत्र व कार्यकर्ताओं के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं। मिशन 2022 का लक्ष्य तय है।
भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सरकार बनाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज से जनता संतुष्ट है। जनता विपक्ष के किसी बरगलावे में नहीं आएगी। सरकार व संगठन में गोरखपुर क्षेत्र को हमेशा अच्छा प्रतिनिधित्व मिलता रहा है।
सार
- गोरखपुर क्षेत्र के प्रतिनिधित्व में सामाजिक समीकरण का खास ध्यान
- दयाशंकर को पांचवीं बार संगठन में मिली जगह, त्रयंबक को आरएसएस में काम करने का लंबा अनुभव
विस्तार
ब्राह्मण, क्षत्रिय, अति पिछड़ा व अनुसूचित जाति को प्रतिनिधित्व देकर पार्टी ने मिशन 2022 का रोडमैप तय कर दिया है। साफ है गोरखपुर क्षेत्र में पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करने का लक्ष्य है। इस क्षेत्र में विधानसभा की 62 सीटें हैं। इसमें से 42 सीट भाजपा व समर्थित दल के पास है।
भाजपा की प्रदेश कमेटी का शनिवार को ऐलान हुआ तो गोरखपुर के नेताओं के चेहरे पर मायूसी छा गई। पिछली प्रदेश इकाई में गोरखपुर के स्वर्गीय उपेंद्र दत्त शुक्ल को प्रदेश उपाध्यक्ष व कामेश्वर सिंह को प्रदेश मंत्री बनाया गया था। इस बार कामेश्वर सिंह को प्रदेश महामंत्री की दौड़ में बताया जा रहा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मऊ की डॉ. शकुंतला चौहान (लोनिया) प्रदेश मंत्री बनी हैं। वह भी अति पिछड़ा समाज से आती हैं। भाजपा की क्षेत्रीय इकाई में क्षेत्रीय मंत्री हैं। संतकबीरनगर के त्रयंबक त्रिपाठी को प्रदेश मंत्री का दायित्व मिला है। वह ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। संतकबीरनगर के त्रयंबक त्रिपाठी ने आरएसएस के साथ 1989 से 2009 तक काम किया है।
2010 से भाजपा में सक्रिय हुए हैं। दो बार गोरखपुर क्षेत्र के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। दूसरी बार प्रदेश मंत्री बने हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों का सफल आयोजन भी कर चुके हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी बलिया के दयाशंकर सिंह व आजमगढ़ की लालगंज सीट से भाजपा की पूर्व सांसद नीलम सोनकर को मिली है।
कायस्थों को जगह नहीं, नाराजगी
भाजपा ने अलग-अलग समुदाय के लोगों को प्रतिनिधित्व देकर भले ही सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश है लेकिन प्रदेश कमेटी में कायस्थ समाज को जगह नहीं मिली है। गोरखपुर क्षेत्र में कायस्थों की बड़ी आबादी रहती है। गोरखपुर शहर में ही तीन से चार लाख कायस्थ रहते हैं।
बस्ती, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर में भी कायस्थों की संख्या अच्छी है। इसे लेकर समाज के लोगों में नाराजगी भी है। उनका कहना है कि भाजपा कायस्थों को अपना कैडर वोटर मानने लगी है। वह सोचती है कि कायस्थ किसी दूसरी पार्टी से नहीं जुड़ेंगे। इसी वजह से प्रदेश स्तरीय संगठन में जगह नहीं दिया गया।
मुख्यमंत्री गोरखपुर से, इसलिए समन्वय बनाने का प्रयास
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जय प्रकाश निषाद, स्वास्थ्य मंत्री राजा जय प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षामंत्री सतीश द्विवेदी, मंत्री श्रीराम चौहान, दारा सिंह चौहान, अनिल राजभर व आनंद स्वरूप शुक्ला भी इसी क्षेत्र से आते हैं। कुछ दिन पहले ही गोरखपुर के जय प्रकाश निषाद को राज्यसभा का सदस्य चुना गया है। ऐसे में गोरखपुर को छोड़कर संगठन में दूसरे क्षेत्रों को तवज्जो दी गई है।
इनके कंधों पर मिशन 2022 को सफल बनाने की जिम्मेदारी
पद– प्रदेश उपाध्यक्ष
उम्र– 48 वर्ष
भाजपा में हैं– वर्ष 2000 से
परिवार– पत्नी स्वाति सिंह भी योगी सरकार में मंत्री हैं।
जिला– बलिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज से यूपी की जनता संतुष्ट है। 2022 का विधानसभा चुनाव भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ जीतेगी। भाजपा का जो एजेंडा था, उसमें से ज्यादातर वादे पूरे हो गए हैं। राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन हो चुका है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए खत्म हो चुका। किसान, युवा व महिलाएं भाजपा सरकार को 100 में 100 अंक देने को तैयार हैं।
नाम: त्रयंबक त्रिपाठी
पद: प्रदेश मंत्री
उम्र: 40 वर्ष
शिक्षा: एमए
भाजपा से जुड़े– वर्ष 2010 में
जिला-संतकबीरनगर
अनुभव, योग्यता व सामाजिक समीकरण के हिसाब से बनी प्रदेश कमेटी मिशन 2022 को सफल बनाएगी। इस कमेटी में जनप्रतिनिधि के साथ संगठन में कामकाज करने वालों को जगह मिली है। संगठन के साथ ही चुनावी रणनीति, सामाजिक समीकरण बैठाने में माहिर हैं। कार्यकर्ताओं से समन्वय बनाकर जनता के बीच जाएंगे। सरकार की उपलब्धियां गिनाकर सहयोग मांगेंगे।
पद– प्रदेश मंत्री
राजनीतिक अनुभव– 7 वर्ष
उम्र– 46 वर्ष
शिक्षा– बीकॉम व एमसीए
जिला– मऊ
भाजपा का सूत्र वाक्य सबका साथ सबका विकास है। सरकार में जितना लाभ निचले तबके को मिला है, उतना कभी नहीं मिला था। सबके पास अपना शौचालय है। पक्का मकान है। जनता भाजपा सरकार के कामकाज से संतुष्ट है। आगामी विधानसभा चुनाव मजबूती से लड़ा जाएगा। इस बार के नतीजे पिछली बार से बहुत अच्छे होंगे।
नाम– नीलम सोनकर
पद– प्रदेश उपाध्यक्ष
उम्र– 47 वर्ष
भाजपा से जुड़ीं– 2008 से
लोकसभा चुनाव लड़ीं– 2009, 2014 (आजमगढ़ की लालगंज सीट से सांसद बनीं) व 2019 में।
गरीबों को पहली बार हक मिला है। सरकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने का काम चल रहा है। विकास के मुद्दे के साथ ही 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता जाएगा। प्रदेश इकाई के गठन में सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखा गया है। इसका फायदा जरूर मिलेगा।
गोरखपुर क्षेत्र के भाजपा अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि सामाजिक समीकरण के लिहाज से प्रदेश कार्यकारिणी का गठन शानदार है। सभी जमीनी नेता हैं। क्षेत्र व कार्यकर्ताओं के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं। मिशन 2022 का लक्ष्य तय है।
भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सरकार बनाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज से जनता संतुष्ट है। जनता विपक्ष के किसी बरगलावे में नहीं आएगी। सरकार व संगठन में गोरखपुर क्षेत्र को हमेशा अच्छा प्रतिनिधित्व मिलता रहा है।